रौशनी नाडर मल्होत्रा हाल ही में भारत की सबसे अमीर महिला और देश की तीसरी सबसे अमीर शख्सियत बनकर उभरी हैं। उनके पिता और HCL के संस्थापक शिव नाडर ने अपनी हिस्सेदारी का 47% उनके नाम कर दिया, जो भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े उत्तराधिकार हस्तांतरण में से एक है। इस बदलाव के साथ, उन्होंने भारत की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में अपनी मजबूत स्थिति बना ली है। वह भारत में किसी सूचीबद्ध आईटी कंपनी की पहली महिला प्रमुख हैं और HCL टेक्नोलॉजीज़ को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही हैं। इसके साथ ही, वह शिव नाडर फाउंडेशन के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए भी कार्यरत हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
रौशनी नाडर मल्होत्रा का जन्म 1982 में दिल्ली में हुआ था। उनके पिता शिव नाडर टेक्नोलॉजी जगत के अग्रणी व्यक्तित्व हैं और उनकी मां किरण नाडर एक प्रसिद्ध कला संग्रहकर्ता हैं। उन्होंने दिल्ली के वसंत वैली स्कूल से पढ़ाई की और उसके बाद अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से कम्युनिकेशन में स्नातक किया, जिसमें उन्होंने रेडियो, टीवी और फिल्म निर्माण की पढ़ाई की। इसके बाद, उन्होंने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया। उनके संचार और बिजनेस प्रबंधन के ज्ञान ने उनके नेतृत्व कौशल को और निखारा।
व्यावसायिक सफर और नेतृत्व की ओर कदम
रौशनी नाडर मल्होत्रा ने HCL में शामिल होने से पहले मीडिया और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में काम किया। लेकिन जब वह HCL से जुड़ीं, तो उनकी प्रबंधन क्षमता जल्द ही स्पष्ट हो गई। मात्र एक वर्ष के भीतर, वह HCL कॉर्पोरेशन की CEO और कार्यकारी निदेशक बन गईं। उनके पिता ने उनकी नेतृत्व क्षमता पर भरोसा जताते हुए 2020 में उन्हें HCL टेक्नोलॉजीज़ की चेयरपर्सन नियुक्त किया। इस पद पर पहुंचने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं। उनके नेतृत्व में HCL टेक्नोलॉजीज़ भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी बनी हुई है।
इतिहासिक उत्तराधिकार हस्तांतरण और वित्तीय स्थिति
मार्च 2025 में, शिव नाडर ने HCL टेक्नोलॉजीज़ में अपनी 47% हिस्सेदारी रौशनी नाडर मल्होत्रा को सौंप दी। इस बदलाव के बाद, रौशनी की हिस्सेदारी बढ़कर 57.33% हो गई, और उन्होंने कंपनी पर नियंत्रण प्राप्त किया। इसके साथ, उनकी कुल संपत्ति 42 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई, जिससे वह भारत की सबसे अमीर महिला बन गईं।
समाज सेवा और परोपकार
रौशनी नाडर मल्होत्रा व्यवसायिक सफलता के साथ-साथ समाज सेवा में भी अग्रणी हैं। वह शिव नाडर फाउंडेशन की ट्रस्टी हैं, जो शिक्षा और सामाजिक विकास में काम करता है। 2009 में, उन्होंने विद्या ज्ञान लीडरशिप अकादमी की स्थापना की, जो ग्रामीण छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करती है। इसके अलावा, उन्होंने ‘द हैबिटैट्स ट्रस्ट’ की भी स्थापना की, जो भारत के प्राकृतिक आवासों और जैव विविधता की रक्षा करता है।
वैश्विक पहचान और सम्मान
उनकी उपलब्धियों के कारण, उन्हें फोर्ब्स की ‘दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं’ की सूची में 2023 और 2024 में शामिल किया गया। इसके अलावा, 2019 में IIFL वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में भी उन्हें भारत की सबसे अमीर महिला के रूप में पहचाना गया था। उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता और समाज सेवा के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।
निजी जीवन और कार्य-जीवन संतुलन
रौशनी नाडर मल्होत्रा की शादी शिखर मल्होत्रा से हुई है, जो खुद भी HCL फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं। उनके दो बच्चे हैं और वह अपने व्यस्त करियर के बावजूद परिवार को प्राथमिकता देती हैं। वह एक ऐसी प्रेरणादायक महिला हैं, जो व्यवसाय, परोपकार और पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखती हैं।
निष्कर्ष
रौशनी नाडर मल्होत्रा की सफलता की कहानी उत्तराधिकार, नेतृत्व और समाज सेवा का एक बेहतरीन उदाहरण है। HCL टेक्नोलॉजीज़ की चेयरपर्सन और HCL कॉर्पोरेशन की CEO के रूप में, उन्होंने यह साबित कर दिया कि एक महिला भी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में अग्रणी बन सकती है। उनका नेतृत्व, शिक्षा के प्रति समर्पण और समाज सेवा की भावना उन्हें भारत और दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में शामिल करता है।
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