क्रिकेट की दुनिया में हर साल नए सितारे उभरते हैं, लेकिन कुछ ऐसे नाम होते हैं जो अपनी असाधारण प्रतिभा से इतिहास रच देते हैं। वैभव सूर्यवंशी एक ऐसा ही नाम है, जिसने मात्र 13 साल की उम्र में क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया।
प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट से जुड़ाव
वैभव सूर्यवंशी का जन्म 27 मार्च 2011 को बिहार के ताजपुर गांव में हुआ। उनके पिता किसान होने के साथ-साथ एक अंशकालिक पत्रकार भी हैं। उन्होंने बचपन से ही वैभव की क्रिकेट में रुचि को पहचाना और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। महज चार साल की उम्र से बल्ला थामने वाले वैभव ने नौ साल की उम्र में समस्तीपुर के एक क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया और जल्द ही पूर्व रणजी खिलाड़ी मनीष ओझा के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग शुरू की।
नाबालिग उम्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां
वैभव ने 12 साल की उम्र में बिहार की अंडर-19 टीम में जगह बनाई और विनू मांकड़ ट्रॉफी में पांच मैचों में 400 रन बनाकर सबको चौंका दिया। जनवरी 2024 में, उन्होंने रणजी ट्रॉफी में मुंबई के खिलाफ बिहार के लिए पदार्पण किया, जिससे वे भारत के सबसे युवा प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों में से एक बन गए।
सबसे बड़ी उपलब्धि तब आई जब नवंबर 2024 में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा। इस ऐतिहासिक करार के साथ, वह IPL अनुबंध पाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धमाकेदार प्रदर्शन
सितंबर 2024 में, वैभव ने ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 टीम के खिलाफ भारत अंडर-19 टीम के लिए पदार्पण किया और 58 गेंदों में शतक जड़कर नया रिकॉर्ड कायम किया। दिसंबर 2024 में, उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में लिस्ट ए क्रिकेट में कदम रखा और 13 वर्ष 269 दिन की उम्र में लिस्ट ए क्रिकेट खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए।
विवाद और चुनौतियां
उनकी उम्र को लेकर विवाद भी उठे हैं। 2023 में एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा था कि उनका 14वां जन्मदिन 27 सितंबर 2023 को था, जिससे उनकी आधिकारिक जन्मतिथि पर सवाल उठे। हालांकि, इन विवादों के बावजूद, उनकी प्रतिभा और मेहनत ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सितारे के रूप में स्थापित कर दिया है।
भविष्य की उम्मीदें
वैभव सूर्यवंशी की यात्रा अभी शुरू ही हुई है, लेकिन उन्होंने पहले ही क्रिकेट की दुनिया में अपनी पहचान बना ली है। आने वाले वर्षों में, वह भारतीय क्रिकेट के नए सुपरस्टार के रूप में उभर सकते हैं। उनकी कहानी हर युवा क्रिकेटर के लिए प्रेरणा है कि उम्र सिर्फ एक नंबर है, असली पहचान मेहनत और जुनून से बनती है।
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