प्रभु देवा भारतीय सिनेमा के एक ऐसे सितारे हैं, जिन्हें “भारत का माइकल जैक्सन” कहा जाता है। उनका जन्म 3 अप्रैल 1973 को मैसूर, कर्नाटक में हुआ था। वे एक शानदार नृत्य कोरियोग्राफर, अभिनेता, निर्देशक और निर्माता हैं, जिन्होंने तमिल, तेलुगु, हिंदी और कन्नड़ फिल्मों में अपनी प्रतिभा दिखाई। उनकी तेज और अनोखी नृत्य शैली ने उन्हें देश-विदेश में मशहूर बनाया। “कधलन,” “मिनसारा कनवु,” और “वांटेड” जैसी फिल्मों ने उन्हें दर्शकों के बीच लोकप्रियता दिलाई। 32 साल से अधिक के करियर में, उन्होंने नृत्य और सिनेमा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई और दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अपने नाम किए।
प्रभु देवा के टॉप 10 महत्वपूर्ण बिंदु
- जन्म: 3 अप्रैल 1973, मैसूर, कर्नाटक।
- पहली फिल्म: “इंधु” (1994)।
- प्रसिद्ध उपनाम: भारतीय माइकल जैक्सन।
- राष्ट्रीय पुरस्कार: “मिनसारा कनवु” (1997) के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी।
- दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार: “लक्ष्य” (2004) के लिए।
- निर्देशन डेब्यू: “नुव्वोस्तानांते नेनोद्दंताना” (2005)।
- ब्लॉकबस्टर फिल्म: “वांटेड” (2009)।
- पुरस्कार: पद्म श्री (2019)।
- लोकप्रिय गीत: “मुक्काबला” (“कधलन”)।
- प्रोडक्शन हाउस: प्रभु देवा स्टूडियोज।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
प्रभु देवा का जन्म मैसूर में एक कला से जुड़े परिवार में हुआ था। उनके पिता मुगुर सुंदर एक मशहूर कोरियोग्राफर थे, जिनसे उन्हें नृत्य की प्रेरणा मिली। उनकी मां महादेवम्मा ने उनके शुरुआती जीवन को संवारा। प्रभु ने अपनी स्कूली शिक्षा मैसूर में पूरी की और छोटी उम्र से ही नृत्य सीखना शुरू कर दिया। उन्होंने भरतनाट्यम और पश्चिमी नृत्य शैलियों में प्रशिक्षण लिया। फिल्मों में आने से पहले वे अपने पिता के साथ कोरियोग्राफी में मदद करते थे। उनका बचपन चेन्नई में बीता, जहां उन्होंने सिनेमा के प्रति अपनी रुचि को बढ़ाया।
करियर की शुरुआत
प्रभु देवा ने अपने करियर की शुरुआत एक कोरियोग्राफर के रूप में की। 1980 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में नृत्य सहायक के तौर पर काम किया। उनकी पहली मुख्य अभिनय फिल्म “इंधु” 1994 में आई, लेकिन असली पहचान उन्हें “कधलन” (1994) से मिली। इस फिल्म का गीत “मुक्काबला” इतना लोकप्रिय हुआ कि वे रातोंरात स्टार बन गए। इसके बाद “मिनसारा कनवु” और “वीआईपी” जैसी फिल्मों ने उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाया। 1990 के दशक में वे तमिल सिनेमा के बड़े सितारों में शामिल हो गए। उनकी कोरियोग्राफी ने सिनेमा में नृत्य को नया आयाम दिया।
उपलब्धियाँ और पुरस्कार
प्रभु देवा को उनके बेहतरीन नृत्य और कोरियोग्राफी के लिए कई सम्मान मिले हैं। 1997 में “मिनसारा कनवु” के लिए उन्हें पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। 2004 में हिंदी फिल्म “लक्ष्य” के लिए दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार उनके नाम हुआ। 2019 में उन्हें कला के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उनकी निर्देशित फिल्म “नुव्वोस्तानांते नेनोद्दंताना” ने तेलुगु सिनेमा में सफलता हासिल की और सात भाषाओं में रीमेक हुई। “वांटेड,” “रोडी राठौर,” और “सिंह इज ब्लिंग” जैसी हिंदी फिल्मों ने उन्हें बॉलीवुड में भी मशहूर बनाया।
निजी जीवन
प्रभु देवा की निजी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए। 1995 में उनकी शादी रमलथ से हुई, जिनसे उनके तीन बेटे थे। 2008 में उनके सबसे बड़े बेटे की कैंसर से मृत्यु हो गई। 2010 में उनका नाम अभिनेत्री नयनतारा के साथ जुड़ा, जिसके बाद 2011 में रमलथ से उनका तलाक हो गया। 2012 में नयनतारा से उनका रिश्ता खत्म हुआ। मई 2020 में उन्होंने मुंबई की फिजियोथेरेपिस्ट हिमानी से शादी की। जून 2023 में उनकी एक बेटी का जन्म हुआ। वे अब अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं।
निष्कर्ष
प्रभु देवा भारतीय सिनेमा के एक अनमोल हीरे हैं, जिन्होंने नृत्य, अभिनय और निर्देशन में अपनी कला से सबको प्रभावित किया। उनकी फिल्में और नृत्य आज भी लोगों के लिए प्रेरणा हैं। “मुक्काबला” से लेकर “वांटेड” तक, उन्होंने हर क्षेत्र में सफलता पाई। पद्म श्री जैसे सम्मान उनके समर्पण का सबूत हैं। वे आज भी सिनेमा में सक्रिय हैं और उनकी आने वाली परियोजनाएं दर्शकों के लिए उत्साह का कारण बनी रहेंगी।
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