आदि गोदरेज एक भारतीय अरबपति उद्योगपति और गोदरेज परिवार के प्रमुख हैं, जो गोदरेज समूह के अध्यक्ष के रूप में जाने जाते हैं। उनका जन्म 3 अप्रैल 1942 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। आदि ने गोदरेज समूह को एक छोटे व्यवसाय से एक विशाल बहुराष्ट्रीय कंपनी में बदल दिया, जो रियल एस्टेट, उपभोक्ता उत्पाद, औद्योगिक इंजीनियरिंग, और कृषि जैसे क्षेत्रों में काम करती है। उनकी नेतृत्व शैली और नवाचार ने भारतीय उद्योग जगत में एक नया मानदंड स्थापित किया। वे अपनी परोपकारी गतिविधियों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता के लिए भी प्रसिद्ध हैं। अगस्त 2024 तक उनकी संपत्ति 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई, और अक्टूबर 2024 में फोर्ब्स की भारत के 100 सबसे अमीर लोगों की सूची में वे अपने भाई नादिर के साथ 21वें स्थान पर थे।
आदि गोदरेज के टॉप 10 महत्वपूर्ण बिंदु
- जन्म: 3 अप्रैल 1942, मुंबई, महाराष्ट्र।
- शिक्षा: एमआईटी स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए।
- प्रसिद्ध उपनाम: गोदरेज समूह का दूरदर्शी।
- नेतृत्व: गोदरेज समूह के अध्यक्ष।
- पुरस्कार: पद्म भूषण (2013)।
- संपत्ति: 11.2 बिलियन डॉलर (नादिर के साथ, 2024)।
- पहल: लाइसेंस राज में कंपनी का आधुनिकीकरण।
- परोपकार: शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए ट्रस्ट।
- लोकप्रिय कंपनी: गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स।
- प्रभाव: भारतीय उद्योग में नवाचार का प्रतीक।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
आदि गोदरेज का जन्म एक पारसी परिवार में हुआ, जो गोदरेज समूह के संस्थापक अर्देशिर गोदरेज से जुड़ा था। उनके पिता बुरजोरजी गोदरेज और मां जयबेन गोदरेज ने उन्हें कड़ी मेहनत और मूल्यों का पाठ पढ़ाया। आदि ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, मुंबई से पूरी की और दो साल तक सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने एचएल कॉलेज से स्नातक किया और फिर अमेरिका के एमआईटी स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री हासिल की। वहां वे पाई लैम्ब्डा फाई और ताऊ बीटा पाई जैसे सम्मानित संगठनों के सदस्य रहे। भारत लौटने के बाद उन्होंने पारिवारिक व्यवसाय में कदम रखा।
करियर की शुरुआत
आदि गोदरेज ने 1960 के दशक में गोदरेज समूह में शामिल होकर अपने करियर की शुरुआत की। उस समय भारत में लाइसेंस राज का दौर था, जिसमें व्यवसाय करना चुनौतीपूर्ण था। आदि ने प्रबंधन संरचना को आधुनिक बनाया और प्रक्रिया में सुधार किए। उन्होंने गोदरेज को ताले और साबुन से आगे बढ़ाकर उपभोक्ता उत्पादों, रियल एस्टेट और कृषि क्षेत्र में विस्तार किया। उनके भाई नादिर गोदरेज और चचेरे भाई जमशेद गोदरेज के साथ मिलकर उन्होंने समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी दूरदर्शिता ने कंपनी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।
उपलब्धियाँ और पुरस्कार
आदि गोदरेज को उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले। 2013 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया। वे अप्रैल 2011 से अप्रैल 2018 तक इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के अध्यक्ष रहे और 2012-13 में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के अध्यक्ष चुने गए। वे एमआईटी स्लोअन स्कूल के डीन सलाहकार परिषद और नरसी मॉन्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। उनकी अगुवाई में गोदरेज समूह ने शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई ट्रस्ट स्थापित किए, जैसे पिरोजशा गोदरेज फाउंडेशन और गोदरेज मेमोरियल ट्रस्ट।
निजी जीवन
आदि गोदरेज की शादी परमेश्वर गोदरेज से हुई थी, जो एक प्रसिद्ध समाजसेवी थीं। उनकी शादी 1965 में हुई और उनके तीन बच्चे हैं: दो बेटियां, तान्या दुबाश और निसा गोदरेज, और एक बेटा, पिरोजशा आदि गोदरेज। परमेश्वर का निधन अक्टूबर 2016 में हुआ। तान्या गोदरेज इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक हैं, निसा गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की अध्यक्ष हैं, और पिरोजशा गोदरेज प्रॉपर्टीज का नेतृत्व करते हैं। आदि अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं और पर्यावरण संरक्षण के प्रति गहरी रुचि रखते हैं।
निष्कर्ष
आदि गोदरेज एक ऐसे उद्योगपति हैं, जिन्होंने गोदरेज समूह को एक पारिवारिक व्यवसाय से वैश्विक ब्रांड में बदला। उनकी नेतृत्व शैली, नवाचार और सामाजिक योगदान ने उन्हें भारतीय उद्योग जगत में एक प्रेरणा स्रोत बनाया। पर्यावरण संरक्षण और परोपकार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनकी विरासत का हिस्सा है। आज भी वे भारतीय व्यवसाय और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बने हुए हैं।
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