उदय कोटक का जीवन एक ऐसी प्रेरक कहानी है जो हमें सिखाती है कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए कितना जुनून और मेहनत चाहिए। एक छोटे से कार्यालय से शुरू हुआ उनका सफर आज भारत के शीर्ष निजी क्षेत्र के बैंकों में से एक, कोटक महिंद्रा बैंक तक पहुंचा है। इस लेख में हम उनके जीवन, उनकी सफलताओं और सामाजिक योगदान की रोचक यात्रा को जानेंगे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
उदय कोटक का जन्म 15 मार्च 1959 को मुंबई में एक ऊपरी-मध्यवर्गीय गुजराती हिंदू परिवार में हुआ था। उनका परिवार कपास के व्यापार से जुड़ा था और उनकी परवरिश एक बड़े संयुक्त परिवार में हुई, जिसमें लगभग 60 सदस्य थे। इस माहौल ने उनमें पारिवारिक मूल्यों और कठिन परिश्रम की भावना को जन्म दिया। उन्होंने सिडनहम कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई विश्वविद्यालय से 1982 में एमबीए पूरा किया।
उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ 1979 में आया, जब क्रिकेट खेलते समय उनके सिर पर गेंद लगी और वे दो दिनों तक कोमा में रहे। डॉक्टरों ने उनकी जिंदगी की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन उदय ने हार नहीं मानी। एक साल बाद उन्होंने अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी की। इस घटना ने उनके संकल्प को और मजबूत किया।
व्यवसायिक शुरुआत और विकास
एमबीए के बाद उदय को एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से आकर्षक नौकरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन उन्होंने इसे ठुकराकर अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। 1985 में, उन्होंने कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड की नींव रखी, जिसके लिए उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार से लगभग 30 लाख रुपये उधार लिए। उसी साल, महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ साझेदारी कर इसे कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड नाम दिया।
उनकी कंपनी ने बिल डिस्काउंटिंग, स्टॉक ब्रोकिंग, निवेश बैंकिंग, कार फाइनेंस, जीवन बीमा और म्यूचुअल फंड जैसे क्षेत्रों में तेजी से विस्तार किया। 2003 में, कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस मिला और यह कोटक महिंद्रा बैंक बन गया—भारत की पहली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी जिसे यह उपलब्धि हासिल हुई। आज यह बैंक 68 बिलियन अमेरिकी डॉलर (मार्च 2022 तक) की संपत्ति के साथ भारत के तीसरे सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंकों में शुमार है।
2024 में, बैंक ने अपने सामान्य बीमा विभाग का 70% हिस्सा ज्यूरिख इंश्योरेंस को 640 मिलियन डॉलर में बेचा और इसका नाम ज्यूरिख कोटक जनरल इंश्योरेंस रखा गया। सितंबर 2023 में, उदय ने सीईओ का पद छोड़कर गैर-कार्यकारी निदेशक की भूमिका संभाली और अपने बेटे जय कोटक को डिजिटल बैंकिंग का सीईओ नियुक्त किया।
उपलब्धियां और सामाजिक योगदान
उदय कोटक की कुल संपत्ति लगभग 14 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो उन्हें भारत के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक बनाती है। उन्हें 2014 में अर्न्स्ट एंड यंग वर्ल्ड एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवॉर्ड, 2015 में इकोनॉमिक टाइम्स बिजनेस लीडर ऑफ द ईयर और 2016 में फोर्ब्स की मनी मास्टर्स सूची में जगह मिली। वे सेबी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस पैनल के सदस्य भी रहे हैं।
सामाजिक क्षेत्र में, उदय ने 2007 में कोटक एजुकेशन फाउंडेशन की स्थापना की, जो गरीब बच्चों को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करता है। इस फाउंडेशन ने स्कॉलरशिप, व्यावसायिक प्रशिक्षण और डिजिटल लर्निंग जैसे कार्यक्रम चलाए हैं। एक उदाहरण है अनिल काकड़े, एक स्कूल शिक्षक, जिन्होंने फाउंडेशन के डिजिटल लर्निंग प्रोजेक्ट की मदद से गणित का ऐप बनाया और मास्टर ट्रेनर बने। एक अन्य छात्र, रामेश्वर कांबले, ने अंग्रेजी सीखकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का सपना पूरा किया।
निजी जीवन
उदय कोटक की शादी पल्लवी कोटक से हुई है और उनके दो बच्चे हैं। उन्हें क्रिकेट खेलना और सितार बजाना पसंद था, हालांकि अब वे सितार नहीं बजाते। उनका जीवन एक ऐसा उदाहरण है जो दर्शाता है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
Total Views: 15